
सिंधिया खेमे में पहले से ही थोकबंद नेताओं की भीड़, संगठन के कार्यकर्ता भी लाइन में
शिवपुरी। भारतीय जनता पार्टी में संगठन के वरिष्ठ नेताओं की खींचतान के बीच सिंधियानिष्ठ जसमंत जाटव के नाम की लॉटरी खुल गई, और जिलाध्यक्ष बन गए। अब अगला बड़ा काम जिला कार्यकारिणी का है, जिसमें विभिन्न पदाधिकारी बनाए जाने हैं। ऐसे में पुरानी भाजपा के कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर चिंता है कि क्या उन्हें जगह मिल पाएगी या फिर इसमें भी कांग्रेस से भाजपा में आयातित नेताओं को ही मौका मिलेगा..?।
भाजपा के।प्रदेश स्तरीय संगठन में बी डी शर्मा एवं हितानंद के बीच चल रही खींचतान में राजू बाथम, गगन खटीक और मनीष अग्रवाल के नाम पीछे हो गए तथा जसमंत जाटव के नाम पर मुहर लग गई। चूंकि संगठन के कार्यकर्ता अपना नाम सूची में लिखा देखते रह गए और सिंधियानिष्ठ को हारने के बाद कैबिनेट मंत्री और अब जिलाध्यक्ष का पद भी दे दिया गया। जिलाध्यक्ष बनने के बाद निकाली गई रैली में पार्टी बदलने के एवज में कथित तौर पर मिली करोड़ों की राशि भी खर्च कर दी गई।
अब जिलाध्यक्ष अपनी कार्यकारिणी में किनको स्थान देंगे, यह बड़ा सवाल है। जिलाध्यक्ष की घोषणा के साथ ही पुराने भाजपाई निराश हो गए तथा अब कार्यकारिणी में भी उन्हें जगह मिल।पाएगी, इसमें संशय ही है। क्योंकि सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए आयातित नेताओं की भीड़ भी अधिक है, और सिंधियानिष्ठ के जिलाध्यक्ष बनने के बाद उनकी उम्मीदें और भी बढ़ गई। देखते हैं आगे क्या होता है….??.
एक थे राजू
शिवपुरी में भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर दोहरा कार्यकाल गुजार चुके राजू बाथम ने तो नवागत जिलाध्यक्ष के कार्यक्रम में ही कहा था कि जिस तरह से नामों की लिस्ट भोपाल और दिल्ली के बीच घूम रही थी, उसे देखकर लगा कि मैं बहुत बड़े पद पर दो बार तक था। अब नवागत जिलाध्यक्ष ने बड़ा खर्चा करके या करवाकर जिस तरह का झनका दिखाया, उसे देखकर भी राजू सोच रहे हैं, कि क्या इतना सब दिखावा करना जरूरी था।
क्या बंदूक वाले का कुछ होगा ?
नवागत जिलाध्यक्ष की रैली में हर्ष फायर करने वाले युवक की पहचान पुलिस तलाश रही है। चूंकि वीडियो में यह भी दिख रहा था कि नवागत जिलाध्यक्ष उस युवक की पीठ थपथपाते दिख रहे थे, तो क्या पुलिस हर्ष फायर करने वाले पर कोई कार्रवाई करेगी या नहीं…!









