
आए दिन यात्री बसों में आगजनी, आरटीओ में बिना देखे दी जा रही फिटनेस का परिणाम
परिवहन विभाग की लापरवाही से यात्रियों की जान को खतरा, दलालों के हाथ में विभाग की सत्ता
शिवपुरी। पिछले दिनों ईसागढ़ रोड पर एक यात्री बस में आग लग गई, तो वहीं बुधवार को भाजपा नेता की यात्री बस बदरवास के पास हाइवे पर धुआं दे गई। आएदिन यात्री बसों में हो रही आगजनी की घटनाओं के पीछे आरटीओ विभाग द्वारा बिना वाहन को चेक किए ही फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाना एक बड़ा कारण है। दलालों के भरोसे चल रहे परिवहन विभाग की लापरवाही से यात्रियों से लेकर स्कूली बच्चों की जान खतरे में बनी हुई है।
मध्यप्रदेश और राजस्थान में पिछले 6 माह यात्री बसों के आग का गोला बनने तथा उसमें दर्जनों यात्री जिंदा जलने की लगभग आधा दर्जन घटनाएं हुई हैं। जिन वाहनों में हर दिन सैकड़ों यात्री सफर करते हैं, उनको फिटनेस सर्टिफिकेट देने से पहले उसका भौतिक सत्यापन करना जिला परिवहन विभाग की जिम्मेदारी है। विभाग के जिम्मेदार कई जिलों का प्रभार लेकर अपने घर बैठे वेतन ले रहे हैं, क्योंकि कागजों में उनका टूर प्रभार वाले जिलों में रहता है। पिछले दिनों आरटीओ की गाड़ी का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें दिख रहा था कि पुराने रोडवेज बस स्टेंड के अंदर दलालों की एक दुकान पर आरटीओ की गाड़ी पहुंची, और दलाल उस सीट पर बैठकर रवाना हुआ, जहां जिला परिवहन अधिकारी को बैठना चाहिए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आरटीओ विभाग में वाहनों की फिटनेस देखी जा ही है या फिर केवल
सुविधाशुल्क…
ना अवैध वसूली पर अंकुश, न फिटनेस पर, तो फिर किस काम का परिवहन विभाग?
त्यौहार के सीजन में दो से तीन गुना किराया वसूल करने वाले निजी यात्री बस संचालकों पर आरटीओ का कोई नियंत्रण नहीं है। वहीं यात्री बसों की फिटनेस जैसे महत्वपूर्ण और गंभीर सर्टिफिकेट भी केवल सुविधा शुल्क लेकर बिना वाहन को देखे हुए, विभाग से जारी किए जा रहे हैं। यही वजह है कि आएदिन यात्री बसों में आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं।

ईसागढ़ में लगी यात्री बस में आग के बाद रह गया ढांचा






