September 30, 2025
img_20241103_1557081379955488736761555.jpg

बोले स्टेशन मास्टर: टिकिट की पूरी राशि करनी पड़ती है जम्म, कहाँ से लाएं सिक्के?
शिवपुरीं रेलवे स्टेशन पर शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को एक दिव्यांग यात्री ने हंगामा शुरू कर दिया।मामला इसलिए बिगड़ा क्योंकि टिकिट में बच रहे 5 रुपए रेलवे पचाने के चक्कर मे था। हालांकि बाद में कैंटीन से 5 रुपए लाकर दिए जाने के बाद मामला शांत हो गया।
शिवपुरी रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले चंद्रभान परिहार एक पैर से दिव्यांग हैं। रात 12 बजे वो ग्वालियर जाने के लिए स्टेशन पर पहुंचे। टिकिट खिड़की पर 200 रुपए देने के बाद पदस्थ कर्मचारी ने 75 रुपए काटने की बजाए 80 रुपए काटकर 120 रुपए वापस कर दिए। चंद्रभान ने जब 5 रुपए और मांगे तो कर्मचारी ने कहा दिया कि खुल्ले नहीं हैं। इस तरह यात्रियों से 5-10 रुपए बचाकर हर दिन बड़ी राशि इकठ्ठी करते हैं, जो रेलवे को न जाकर कर्मचारियों की जेब मे जाती है।
दिव्यांग यात्री चंद्रभान ने कहा कि मुझे 5 रुपए वापस चाहिए। इस पर कर्मचारी ने कहा कि कैंटीन से 5 रुपए का कुछ ले,लो, इस पर दिव्यांग ने कहा कि मैं चलने-फिरने में असमर्थ हूँ, इसलिए मुझे यहीं पर पैसे दिए जाएं। स्टेशन पर हंगामा होता देख दूसरे यात्री व स्टेशन का स्टाफ भी इकठ्ठा हो गया। बाद में 5 रुपए लाकर दिए, तब मामला शांत हुआ तथा इस बीच ट्रेन आ जाने से चंद्रभान भी ट्रेन में सवार होकर ग्वालियर रवाना हो गए।
बोले स्टेशन मास्टर: पूरी राशि करनी पड़ती है जमा
रात में 5 रुपए खुल्ले न होने पर विवाद की स्थिति बन गई थी। हर दिन इकठ्ठा होने वाली टिकट की राशि पूरी की पूरी जमा करनी पड़ती है, ऐसे में हम खुल्ले पैसे कहाँ से लेकर आएं।
आरएस मीणा, स्टेंशन मास्टर शिवपुरी
बोला यात्री: 5-10 रुपए के आयटम रख लो
5 रुपए खुल्ले न देने पर हंगामा करने वाले चंद्रभान का कहना है कि यदि रेलवे के पास खुल्ले पैसे नहीं होते, तो वो उसकी जगह 5-10 रुपए के बिस्किट-टॉफी भी रख सकते हैं। उसमे भी रेलवे को फायदा ही होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page