
ब्रांड की खबरों को झुठला रहीं नपाध्यक्ष, ना जाने कौन सा बीटों रोके हुए है गायत्री को कुर्सी पर..?
पार्षदों से नगरीय प्रशासन आयुक्त ने दिलाया था भरोसा, प्रदेश अध्यक्ष भी कर चुके हैं दावा, फिर भी..!
शिवपुरी। किस्मत से बनीं शहर की प्रथम नागरिक को कुर्सी से हटाने के लिए पार्षदों ने जहां दो महीने मेहनत की, तो वहीं ब्रांड कहे जाने वाला समाचार पत्र भी दो बार दावा कर चुका है। बावजूद इसके इन दावों को सच साबित करने में ना जाने कौन सा बीटों गायत्री शर्मा को अध्यक्ष की कुर्सी पर रोके हुए है..?, इतना ही नहीं नगरीय प्रशासन के आयुक्त ने भी पार्षदों को भरोसा दिलाया था, कि हटाने के लिए सामान पर्याप्त है।
लगभग एक माह पूर्व ब्रांड पेपर में खबर छपी थी, जिसमें भाजपा ने नवागत प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल से चर्चा करने के बाद यह दावा किया गया था कि गायत्री शर्मा का बोरिया बिस्तर बंधना तय है। इस खबर ने चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया था कि ब्रांड न्यूज पेपर में खबर छपी है, तो सच ही होगी, और अब नपाध्यक्ष हटापा-शहर बचाओ, अभियान का पटाक्षेप हो जाएगा।
दिन गुजरते रहे तो कुछ लोग यह दावा करने लगे कि अब कुछ नहीं होगा, महल के संरक्षण में गायत्री सुरक्षित हैं। दो दिन पहले ब्रांड ने फिर एक खबर छापी कि मधुसूदनगढ़ और शिवपुरी की नपाध्यक्ष को भ्रष्टाचार के मामले में हटाया जाएगा। इस खबर पर भी शहर में चर्चा हुई, लेकिन साथ में लोग यह भी कहते नजर आए कि एक महीने पहले भी तो ऐसी ही खबर छापी थी, क्या हुआ, कुछ भी नहीं।
उधर बीते शुक्रवार को ज्ञापन देने पहुंचे पार्षदों ने एडीएम से चर्चा में बताया था कि हमने भोपाल जाकर नगरीय प्रशासन के आयुक्त से जब बात की थी, तो उन्होंने हमें भरोसा दिलाया था कि अध्यक्ष का विकेट गिरना तय है, क्योंकि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हमारे पास मौजूद हैं। इन हालातों के बीच सवाल यह उठता है कि राजनीतिक गलियारों की बात करें तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की बात को कमजोर नहीं माना जा सकता, और इधर नगरीय प्रशासन के आयुक्त के दावे को भी झुठला नहीं सकते, तो फिर वो कौन सी ताकत है?, जो गायत्री शर्मा को अभी तक कुर्सी से (फेवीक्विक के मजबूत जोड़ की तरह) चिपकाए हुए है।
क्या सच साबित होंगी ब्रांड की खबरों..?
यूं तो ब्रांड से लेकर अन्य न्यूज पेपरों में हमने भी एक लम्बा समय गुजारा है। कोई भी खबर पुष्ट होने के बाद ही प्रकाशित होती है, या फिर कोई वरिष्ठ जिम्मेदार नेता जब दावा करता है। तो जाहिर है कि ब्रांड ने भी सभी शंका-कुशंकाओ को ध्यान में रखते हुए खबरें प्रकाशित की होंगी। अब हमारे साथ जनता का भी यही सवाल है कि क्या खबरें सच साबित होंगी?, या फिर गायत्री को रोकने वाला बीटों अधिक मजबूत रहेगा…








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