
बेमौसम बारिश कटी फसल को नुकसान, मूंगफली उखाड़ने में मददगार, अगली फसल से बड़ी आस
पूरे दिन जारी रहा रिमझिम बारिश का दौर, छाता लेकर किसान लगा खाद की लाइन में
शिवपुरी। लगातार बरसात ने पिछली फसल को नुकसान कर दिया, और अब बेमौसम बारिश ने भी उन किसानों की चिंता बढ़ा दी, जिनकी फसल कटी रखी है। हालांकि जिन खेतों में मूंगफली उखड़नी है, उन्हें पानी नहीं देना पड़ा, तथा आगामी फसल अच्छी होने की उम्मीद किसान रखे हुए है। बोवनी करने के लिए खाद लेने के लिए किसान छाता लगाकर लाइन में लगा है, क्योंकि अलसुबह से ही रिमझिम बारिश का दौर जारी है।
बरसात के मौसम में हुई लगातार बारिश से सोयाबीन सहित दलहन फसलों को नुकसान हुआ। मक्का और धान की फसल जब तैयार होने के बाद कटने की स्थिति में आई, तो फिर से बारिश शुरू हो गई। ऐसे में जो धान और मक्का कट गई है, उसमें पानी लगने से दाना दागदार होकर खराब होने का खतरा है, जबकि खेत में खड़ी फसल तो मौसम खुलने पर ठीक हो जाएगी। इन दिनों में मूंगफली की फसल भी तैयार हो गई है, जिसे उखाड़ने के लिए किसान को मिट्टी नरम करने के लिए खेत में पानी देना पड़ता था। ईश्वर ने प्राकृतिक रूप से पानी दे दिया, तो अब मूंगफली उखाड़ने में कोई परेशानी नहीं हो रही। यह किसान को फायदा हुआ है।
अब किसान को जुताई करने से पहले खेत में पानी देना पड़ता था, जिसमें बिजली और डीजल की खपत होती थी। लगातार हो रही रिमझिम बारिश से किसान का डीजल और बिजली की बचत हो गई, तथा अब वो सीधे ही खेत जोत कर उसमें गेहूं, चना, सरसों की बोवनी कर देगा। जिसके लिए खाद की जरूरत है, और किसान आज बारिश के बीच छाता लगाकर खाद मिलने का इंतजार आधी रात से लाइन में लगकर कर था है।
ज्ञात रहे कि सबका पेट भरने वाला अन्नदाता पूरी तरह से प्रकृति पर निर्भर है, वो चाहे तो किसान मालामाल, वरना कंगाल। जलवायु परिवर्तन ने किसान की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, तथा शासन की लचर व्यवस्था के चलते किसान को खाद के लिए भी खासी मशक्कत करनी पड़ती है।








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