
दिवाली के अगले दिन पूरा बाजार बना कचराघर, नपा में चल रही खींचतान का भी शहर में असर
पिछले वर्षों में दीवाली के अगले दिन सुबह से ही शुरू हो जाता था सफाई अभियान, जिम्मेदार मौन
शिवपुरी। दीवाली की रात गुजरने के बाद अगले दिन शहर के हृदय स्थल माधव चौक से लेकर पूरा कोर्ट रोड सहित बाजार में चौतरफा कचरा बिखरा रहा। इस बार दीवाली के बाद 21 अक्टूबर यानि आज का दिन विश्राम के लिए बना दिया गया, जिसके चलते शहर में सफाई नहीं हुई। अन्यथा पिछले वर्षों में दीपावली के अगले दिन सुबह ही नपा की सफाई टीम पूरा शहर साफ सुथरा करने में जुट जाया करती थी। शायद नपा में चल रही खींचतान का यह असर है, जिसे देखकर स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौन बने हुए है, क्योंकि उन्हें शहर की नहीं, बल्कि अपने नजदीकियों की चिंता है।
बीते वर्षों में दीवाली के दूसरे दिन शहर का बाजार चकाचक हो जाया करता था, लेकिन आज पूरा शहर कचराघर बना रहा। शहर के हृदय स्थल माधव चौक पर भी जगह-जगह कचरा बिखरा रहा, वहीं मुख्य बाजार कोर्ट रोड पर भी कचरे के ढेर लगे हुए हैं। पिछले वर्षों में दीवाली के दूसरे दिन गोरधन पूजा होती थी, लेकिन इस साल त्यौहार की तिथियां घोषित करने वाले विद्वानों ने दीवाली के दूसरे दिन को अघोषित विश्राम दिवस बना दिया। जिसके चलते पूरा बाजार बंद रहा, तथा चाट पकौड़ी के ठेले कुछ जगह नजर आए। इस विश्राम दिन में नपा का सफाई अमला भी रेस्ट करता रहा, और शहर का बाजार पूरे दिन कचराघर बना रहा। चूंकि दीवाली के बाद बाजार में कचरा कुछ ज्यादा हो हो जाता है, क्योंकि बाजार में रहने वाले लोग सड़क पर ही आतिशबाजी चलाते हैं। सामान्य दिनों की अपेक्षा दीवाली के अगले दिन कचरा लगभग ढाई गुना अधिक होता है, जो आज बाजार में ही पडा रहा।
महत्वपूर्ण बात यह है कि नपाध्यक्ष हों या विधायक, सभी स्थानीय है, यानि वो भी शहर में ही निवास करते हैं, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। यदि आज सुबह ही नपा की टीम बाजार में झाड़ू चला देती, तो हमारा शहर साफ सुथरा हो जाता।








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