
नेताओं ने पकड़ाया झुनझुना, नपाध्यक्ष का मामला गया ठंडे बस्ते में, रूठे पार्षदों को बना रहीं अपना
पार्षदों ने की मेहनत, अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन वापस करवाकर नेताओं ने बचाई अपनी लाज
शिवपुरी। नगरपालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा को हटाए जाने का मामला फिलहाल ठंडे बस्ते में चला गया। पार्षदों ने दो महीन मेहनत करके माहौल बनाया, लेकिन नेताओं ने कार्यवाही का भरोसा दिलाकर अविश्वास प्रस्ताव वापस करवाकर अपनी लाज बचाई। उधर वरिष्ठ नेताओं के सपोर्ट से खुद को सुरक्षित मान रहीं नपाध्यक्ष इस दौरान उन पार्षदों के वार्ड में जाकर उन्हें मनाने का प्रयास कर रही हैं, जो उनके विरोध में हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने यह तो साबित कर दिया कि नेताओं का एक ही उसूल, अपना काम बनता-भाड़ में जाए जनता।
गौरतलब है कि नपाध्यक्ष को कुर्सी से हटाए जाने के लिए 18 पार्षदों ने करेरा के बगीचा सरकार पर जाकर कसम खाई थी। उसके बाद नपाध्यक्ष को हटाए जाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कलेक्ट्रेट में आवेदन भी दिया था। उस आवेदन के देने से केंद्रीय मंत्री एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की राजनीति पर दाग लगने वाला था, जिसके चलते उन्होंने प्रभारी मंत्री और भाजपा जिलाध्यक्ष को यह जिम्मेदारी दी कि अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन वापस करवाओ।
उक्त दोनों नेताओं ने पार्षदों के साथ स्टार गोल्ड में रात को बैठक की, और फिर उन्हें अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने तथा पार्षद पद से इस्तीफा देने के लिए यह कहकर तैयार किया कि आपका इस्तीफा स्वीकार नहीं होगा। पार्षद भी बातों में आ गए और अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन वापस लेकर पार्षद पद से इस्तीफा दे दिया। नेताओं की बात का असर इतना तो हुआ कि पार्षदों के इस्तीफे मंजूर नहीं हुए, लेकिन नपाध्यक्ष के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। अब ना केवल पार्षद बल्कि पूरा शहर यह जानने के लिए उत्सुक है कि आखिर नपाध्यक्ष का क्या होगा..??
उधर नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा इस दौरान उन पार्षदों के वार्ड में जाकर उन्हें अपना बनाने की कोशिश कर रही हैं, जो बगीचा सरकार पर उन्हें हटाने की कसम खाकर आए थे। नपाध्यक्ष को बचाने में उन छुटभैया नेताओं का भी हाथ है, जिनकी गाड़ियों में ईंधन नपाध्यक्ष डलवाती रहीं, तथा वो केंद्रीय मंत्री के सामने नपाध्यक्ष का कामों का गुणगान करते रहे।