
भार्गव पर भी आ सकती है जांच की आंच, एचओ के साथ सीएमओ का भी रहा था चार्ज
टैंकर चोरी से लेकर कोरोना की जालियां भी उनके कार्यकाल में ही बनी थीं, घोटालो में भी भागीदारी
शिवपुरी। नगरपालिका परिषद शिवपुरी का गठन हुए तीन साल हुए हैं, लेकिन घोटाले उससे पहले ही होने लगे थे। उस समय नगरपालिका सीएमओ की कमान गोविंद भार्गव पर थी। एचओ के साथ सीएमओ का प्रभार होने की वजह से स्वच्छता के नाम पर भी बड़े घोटाले नगरपालिका में हुए है। प्रशासन जब नपा में हुए कारनामों की जांच शुरू करेगा तो उसकी आंच भार्गव तक भी जाएगी।
ज्ञात रहे कि नगरपालिका से जब विधायक निधि के टैंकर चोरी हुए थे, तब सीएमओ का प्रभार गोविंद भार्गव पर था। इसके अलावा कोरोना संक्रमण काल में घरों के बाहर लगाई जाने वाली जालियों में भी जमकर भ्रष्टाचार किया गया। जालियां चोरी होने की एफआईआर भी हुई, तथा उन्हें फार्म हाउस से गायब करवा दिया गया। इसमें विचारणीय पहलू यह भी है कि जब लोग कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहे थे, तब नगरपालिका के यह लुटेरे शहर विकास के लिए आई राशि को लूटने में लगे रहे।
शिवपुरी शहर के बाजार और वार्डों में लगाए गए डस्टविन के नाम पर करोड़ों का बजट ठिकाने लगा दिया, जबकि शहर में डस्टविन ढूंढे से नजर नहीं आएंगे। क्योंकि कभी प्लास्टिक के तो कभी लोहे के डस्टबिन लगाने का दावा किया गया। कचरापेटी लगाने के नाम पर भी नगरपालिका के कर्णधारों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। यही वजह है कि पूरा शहर कचराघर बन गया, और क्चरापेटी के नाम आई राशि को भी ठिकाने लगा दिया गया।
एक सर्वे में सामने आया था कि सरकार ने आदिवासियों के लिए अभी तक जितना किया है, यदि आदिवासियों के मसीहा बनकर दलाली करने वाले अपना घर नहीं भरते, तो आज हर आदिवासी पर अपना एक दो मंजिला आधुनिक सुख सुविधाओं से सुसज्जित मकान, 10 बीघा जमीन और एक चारपहिया वाहन होता। आदिवासी आज भी फाकाकशी में अपना जीवन जी रहे हैं, तथा उनके नाम से दलाली करने वाले उनके नाम पर आई शासन की योजनाओं की राशि से अपनी जेब भर रहे हैं। जिस तरह से आदिवासियों को चंद दलालों ने निपटा दिया, ठीक उसी तरह शिवपुरी शहर को सुंदर और सर्व सुविधायुक्त बनाने के लिए अरबों रुपए की राशि चंद लुटेरों ने मिलकर लूट ली, और अपने आलीशान महल बना लिए। हालांकि शहर के साथ धोखाधड़ी करने वाले उन महलों में भी सुख की नींद नहीं ले पा रहे।
नगरपालिका शिवपुरी में पानी, सड़क, बिजली और स्वच्छता के नाम पर करोड़ों का पलीता लगाया गया। उस दौरान शिवपुरी विधायक एवं केबिनेट मंत्री का आशीर्वाद प्राप्त ठेकेदार और तत्कालीन सीएमओ एवं एचओ ने शहर विकास के नाम पर आई राशि को जमकर लूटा गया।शहर की जनता यही सोचती रही कि आज नहीं तो कल शहर खूबसूरत होगा, लेकिन उसका इंतजार खत्म नहीं हुआ, क्योंकि लुटेरों ने शहर का विकास लूट लिया।