
दूसरी जगह तो ट्रांसफर हुए, अपने शहर में लगा निलंबन का दाग, न नपा सुधरी न शहर
इशांक का आठ माह में बदलाव का था रिकॉर्ड, 9 माह रुके अपने शहर में तो बैठ गए घर
शिवपुरी। नगरपालिका शिवपुरी के तीन पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को 57.80 करोड़ के गबन में निलंबित हो गए। इस खेल में भी ठेकेदार ने काम लेने के बाद काम नहीं किया, और गिट्टी-मुरम की तरह भुगतान के लिया था। तीसरे सीएमओ इशांक धाकड़ तो इसी शहर में प्ले-बढ़े हैं, तो उनसे उम्मीद थी कि शायद शहर में कुछ अच्छा होगा। वो ना तो नगरपालिका की कार्यप्रणाली को सुधार पाए, और ना ही शहर सुधर पाया, लेकिन खुद सस्पेंड होकर घर बैठ गए।
इशांक धाकड़ ने नगरपालिका शिवपुरी में 9 माह से अधिक का समय गुजारा, जबकि दूसरी जगह वो महज 8 माह में ही ट्रांसफर होते रहे, लेकिन अपने शहर में 9 माह से अधिक रुके, तो पहले बीमारी का कारण बताकर छुट्टी पर गए, और अब सस्पेंशन का पत्र घर पहुंच गया।
कार्यकाल के दौरान बातचीत में इशांक ने बताया था कि अभी नगरपालिका कार्यालय को सुधारा है, अब शहर को संवारेंगे। ऐसा कुछ तो हुआ नहीं, लेकिन निलंबन का दाग लग गया। हालांकि इस दौरान उन्होंने बायपास से लेकर अपने घर तक सीसी रोड डलवा ली। उनका एटीट्यूट किसी आईएएस से कम नहीं रहा, क्योंकि उनका यह सपना भी रहा।
सीएमओ बनकर आए थे, तब कार्यालय आने से पहले वो नपाध्यक्ष के निवास पर बैठक करके बिना ज्वाइनिंग के वापस चले गए थे। शुरुआत में उनकी अध्यक्ष हो या ठेकेदार, सभी से अच्छी पटरी बैठी, संभवतः उसी समय वो इस बड़े घोटाले के हिस्सेदार बन गए, जिसके चलते उन पर निलंबन की गाज गिरी।
गुना में पहनी थी माला, शिवपुरी में हुई विदाई
इशांक धाकड़ शिवपुरी आने से पहले गुना नगरपालिका में सीएमओ रहे थे। उस दौरान शिवपुरी के प्रभारी मंत्री और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इशांक को माला पहनाई थी। वो तो शुक्र है कि इस बार प्रभारी मंत्री के दौरे पर वो छुट्टी पर चले गए थे, वरना योगेश शर्मा की जगह मंत्री उन्हें ही माला पहनाते। अपने शहर में तो उन्हें निलंबन का दंश झेलना पड़ गया।
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