
एकजुटता में आने लगी दरार, तो फिर पहुंचे बगीचा सरकार, किए भजन कीर्तन
प्रभारी मंत्री के सामने उलझे भाजपा के पूर्व और वर्तमान जिलाध्यक्ष, राजू खड़े हुए गायत्री के साथ
शिवपुरी। पिछले लगभग दो माह से एकजुट होकर नगरपालिका अध्यक्ष को कुर्सी से हटाने की जिद पर अड़े पार्षदों की एकता में जब हल्की दरार आने लगीं, तो शनिवार को पहले की अपेक्षा आधे पार्षद बगीचा सरकार में भजन कीर्तन करने पहुंच गए। बीती रात सर्किट हाउस में प्रभारी मंत्री के सामने भाजपा के पूर्व और वर्तमान जिलाध्यक्ष उलझ गए। जबकि कुछ पार्षद तो बैठक में खरी-खोटी बोलने के बाद उठकर चले गए थे।
नपाध्यक्ष हटाओ-शहर बचाओ, अभियान में जुटे पार्षद लगभग डेढ़ माह पूर्व करेरा बगीचा सरकार की कसम खाने के बाद ऐसे एकजुट हुए थे, कि वे आपस में एक-दूसरे पर कोई शंका नहीं कर रहे थे, लेकिन अभी कुछ समय से उनके बीच में शामिल पार्षद अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने की बात करने लगे, तो कोई इस्तीफा टाइप कराने लगे। आपस में हल्के फैशन (मनमुटाव) होने से यह लड़ाई कहीं अधूरी ना छूट जाए, इसलिए आज पार्षदों की टोली करेरा बगीचा सरकार पहुंची। जहां पर भजन कीर्तन करके भगवान से एकजुट होकर अपने संकल्प को पूरा करने की शक्ति मांगी।,क्योंकि खुद का इस्तीफा देने की बात भी कही थी।
नगरपालिका अध्यक्ष और पार्षदों का विवाद सुलटाने के लिए प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, भाजपा जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव, पूर्व जिलाध्यक्ष राजू बाथम की मौजूदगी में पार्षदों को समझाने का प्रयास शुरू हुआ। बैठक में शामिल रहे कुछ पार्षदों ने बताया कि बैठक किसी निर्णय पर पहुंच पाती, इससे पहले ही पूर्व जिलाशयक राजू बाथम और वर्तमान जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव के बीच झड़प हो गई। क्योंकि राजू बाथम जोर लगा रहे हैं कि गायत्री शर्मा कुर्सी पर डटी रहें, तो जेब में हाथ डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उधर जसमंत जाटव समझ रहे हैं कि पार्षदों के अलावा पूरा शहर नपाध्यक्ष के विरोध में हैं, और शहर की हालत बेहद बेकार है। बात तो यहां तक हुई कि तुमने कभी चुनाव लड़ा है क्या। इतना ही नहीं, कुछ पार्षदों ने भी राजू बाथम को जमकर खरी-खोटी सुनाई। सोचने वाली बात यह है कि दो बार लगातार जिलाध्यक्ष का कार्यकाल गुजार चुके राजू बाथम अभी भी शहर विकास में अड़ंगा ऐसे डाल रहे हैं, जैसे वो ही अभी जिलाध्यक्ष है,। उधर जसमंत जाटव लगातार पार्षदों और शहर की जनता के बीच आने- जाने की वजह से वर्तमान हालातों से वाकिफ हैं, इसलिए वो भी चाहते हैं कि एक कुर्सी के लिए दो दर्जन इस्तीफा अधिक बढ़ी बात है।







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