
कोटा-झांसी फोरलेन पर एनएचएआई की लापरवाही से हुआ गंभीर सड़क हादसा
4 लोगों की गई जान, 7 गम्भीर घायल, काशी विश्वनाथ से वापस जा रहे थे गुजरात
शिवपुरी। कोटा-झांसी फोरलेन पर सुरवाया थाना क्षेत्र अंतर्गत एक टूरिस्ट मिनी बस और आयशर गाड़ी की भिड़ंत में 4 लोगों की दर्दनाक मौत।हो गई, जबकि 7 लोग गम्भीर रूप से घायल हो गए। घायलों का मेडिकल कॉलेज में उपचार चल रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह हादसा एनएसआई की लापरवाही की वजह से हुआ है, क्योंकि तीन दिन में हाइवे पर आया पहाड़ का मलबा हटाया नहीं गया।
गुजरात की एक कथा गईं मंडली काशी विश्वनाथ में कार्यक्रम आयोजित करने के बाद वापस घर।लौट रही थी। चूंकि तीन दिन पहले अमोला पुल के।पास पहाड़ का मलबा सड़क पर आ जाने से हाइवे की एक साइड बंद हो गई थी। जिसके चलते लगभग 8 किमी तक हाइवे पर दोनों तरफ का ट्रैफिक एक ही साइड से गुजारा जा रहा था। एनएचएआई के जिम्मेदार इतने लापरवाह रहे कि तीन दिन में वो मलबा सड़क से नहीं हटवा पाए। चूंकि एक साइड से निकाले जा रहे ट्रैफिक को जिस जगह से दूरी साइड टर्न किया गया, वहां पर भी कोई संकेतक नहीं लगाया गया। जिसके चलते गुजरात जा रही इस गाड़ी के ड्राइवर ने एक ही साइड में वाहन को रखा, और शनिवार की अलसुबह शिवपुरी से झांसी की ओर जा रहे आयशर वाहन ने उस टूरिस्ट मिनी बस में इतनी जबरदस्त टक्कर मारी कि उसके परखच्चे उड़ गए। इतना ही नहीं मिनी बस का कुछ पार्ट आयशर के गेट पर लटक गया। इस हादसे में हार्दिक दबे, राजा ठाकुर, अंकित ठाकुर व राजाराम सोलंकी निवासीगण गुजरात की मौत हो गई। जबकि बस में सवार रावल मोहित, आशीष व्यास, नरेंद्र नायक, चेतन कुमार, अरविंद, अर्जुन, विपुल, मारिक, हर्षद सोलंकी व एक अन्य घायल हो गए, जिनमें 7 लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है। उक्त सभी लोग शिवकथा की मंडली के सदस्य थे, जो काशी विश्वनाथ में कार्यक्रम आयोजित करने के बाद गुजरात वापस लौट रहे थे।
अमोला पुल के पास तीन दिन पहले गिरा पहाड़ का मलबा अभी तक नहीं हटाया गया, तथा उसे हटाने के लिए महीन सिर्फ दिखाने के लिए खड़ी हैं, कोई काम नहीं कर रहीं। एक तरफ का रास्ता बंद होने से एक ही साइड से दोनों तरफ का ट्रैफिक निकाला जा रहा है।
काशी विश्वनाथ से गुजरात जा रही इस गाड़ी के ड्राइवर ने उस टर्न पर ध्यान नहीं दिया, जहां से ट्रैफिक दूसरी साइड में डायवर्ट हुआ था। चूंकि वो एक ही साइड में लगभग 7 किमी आ रहा था, तो उसी साइड में सीधा चला गया, इसी बीच शिवपुरी की तरफ से आ रहे तेज रफ्तार आयशर वाहन से टकराने से उसके परखच्चे उड़ गए।
यदि एनएचएआई समय रहते पहाड़ के मलबे को हटा लेती, तो गुजरात जाने वाला यह वाहन इतने गंभीर हादसे का शिकार नहीं होता, तथा शिवकथा गायन मंडली के सदस्य सुरक्षित रहते। महत्वपूर्ण बात यह है कि इतना गम्भीर हादसा होने के बाद भी एक पोकलेन और एक जेसीबी एवं दो डंपर खड़े थे, लेकिन मलबा हटाने का काम बंद था। इस मामले में एनएसआई के जिम्मेदारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
टक्कर के बाद कुछ ऐसे परखच्चे उड़े टूरिस्ट मिनी बस के
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