September 30, 2025
इंजीनियरों की जमानत के समय नपा के वकील ही नहीं थे उपस्थित, कौन लगाता आपत्ति..?

इंजीनियरों की जमानत के समय नपा के वकील ही नहीं थे उपस्थित, कौन लगाता आपत्ति..?
बोले नपा के वकील: नगरपालिका खुद ही मुलजिम है, कैसे लगाते आपत्ति, मजिस्ट्रेट भी एक्सटेंशन पर

शिवपुरी। टैंकर चोर ठेकेदार अर्पित शर्मा के साथ मिलकर नगरपालिका को पलीता लगाने वाले इंजीनियर सतीश निगम और जितेंद्र परिहार की मंगलवार को जमानत हो गई। चौंकाने वाली बात यह है कि नपा में हुए भ्रष्टाचार के मामला होने के बावजूद नपा के वकील ही उपस्थित नहीं हुए, तो आपत्ति कौन लगाता..?। उधर नपा के वकील का कहना है कि इस मामले में खुद नगरपालिका मुलजिम है, तो फिर आपत्ति कैसे लगाते..?। उन्होंने तो यहां तक बताया कि जमानत लेने वाले मजिस्ट्रेट एक्सटेंशन पर शिवपुरी में रुके हुए हैं।
शिवपुरी नगरपालिका में हुए लाखों-करोड़ों के भ्रष्टाचार से इकठ्ठी की गई धनराशि के दम पर चोर ठेकेदार और इंजीनियर पुलिस के बाद अब न्यायपालिका में भी मनमानी कर रहे हैं। एडवोकेट गजेंद्र यादव का कहना है कि किसी भी मामले में पीआर (पुलिस रिमांड) की समयावधि खत्म होने के बाद जमानत का आवेदन लगता है, तथा उसके बाद मजिस्ट्रेट के समक्ष पुलिस कैफियत (मामले का सार) पेश करती है। इसके बाद जमानत पर चर्चा होती है, लेकिन इस मामले इन नियमों को ताक पर रखकर एक दिन पहले पेश किए गए जमानत आवेदन पर बिना पुलिस की कैफियत मंगवाए जमानत दे दी गई। सूत्रों की मानें तो जमानत से पहले मजिस्ट्रेट एक घंटे के लिए उठकर चले गए थे।
इस मामले में नपा की ओर से आपत्ति न लगाए जाने पर जब नपा के वकील वरिष्ठ एडवोकेट गिरीश गुप्ता से पूछा, तो पहले उन्होंने बताया किi इसमें आपत्ति के लिए नपा सीएमओ को हमे एफिडेविट देकर आपत्ति के लिए आदेशित करना था। साथ ही गुप्ता ने कहा कि जिस मामले में नपा के दो इंजीनियर आरोपी हों, तथा जो भुगतान नपाध्यक्ष एवं सीएमओ की सहमति से हुआ, उसमें तो नगरपालिका ही मुलजिम है, तो फिर आपत्ति कैसे लगा सकते हैं। इसमें तो शिकायत करने वाले पार्षद और जांच करने वाले एसडीएम और जांच रिपोर्ट पेश करने वाले एडीएम आपत्ति दर्ज करा सकते थे।
वरिष्ठ एडवोकेट गिरीश गुप्ता ने बताया कि जमानत लेने वाले मजिस्ट्रेट विवेक शर्मा का ट्रांसफर अप्रैल में ही हो चुका था, लेकिन वो दिसंबर तक का एक्सटेंशन लेकर शिवपुरी में रुक गए हैं।

हाईकोर्ट में लग रही रिव्यू पिटिशन

नपा के इंजीनियरों को जिन धाराओं में जमानत दी गई है, उसमें संशय जताते हुए इस निर्णय के खिलाफ ग्वालियर हाईकोर्ट में रिव्यू पिटिशन लगाई जा रही है। यह पिटिशन नपा के पार्षदों द्वारा हाईकोर्ट में लगवाई जा रही है। साथ ही ठेकेदार की जमानत पर आज शिवपुरी न्यायालय में पार्षदों ने आपत्ति लगाई, जिसके चलते मामले में सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दिया गया।

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