
महिला बाल विकास की पर्यवेक्षक 20 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त टीम ने दबोचा
आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्त करने।के एवज में मांगे थे डेढ़ लाख रुपए
शिवपुरी जिले की नरवर तहसील में मंगलवार को लोकायुक्त की टीम।ने।महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षिका अनीता श्रीवास्तव को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। यह रिश्वत आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्ति देने के एवज में मांगी गई थी, जिसका सौदा डेढ़ लाख रुपए में तय हुआ था।
नरवर के ग्राम अटा वीरपुर में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर सहायिका के पद पर नियुक्ति के लिए ग्राम के ही शिशुपाल जाटव ने पर्यवेक्षक अनीता श्रीवास्तव से अपनी बहन के लिए बात की थी। अनीता ने उसकी बहन को सहायिका के पद पर नियुक्ति के एवज में 1.80 लाख रुपए की मांग की थी,।लेकिन सौदा डेढ़ लाख रुपए में तय हो गया था। रिश्वत लेकर सहायिका बनाए जाने की बात जब तय हो गई, तो फिर शिशुपाल ने लोकायुक्त ग्वालियर से संपर्क किया।
लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर ने शिशुपाल।को रिकॉर्डर देकर पहुंचाया। जिसे लेकर शिशुपाल फाई अनीता से बात करने गया, और रिश्वत लेकर नियुक्ति दिए जाने की बातचीत को रिकॉर्ड करके लोकायुक्त पुलिस को दे दी। जिस पर लोकायुक्त ने पर्यवेक्षक के खिलाफ पहले मामला दर्ज किया, और आज शिशुपाल को पाउडर लगे 20 हजार रुपए के मौत देकर पर्यवेक्षक के पास भेजा। जैसे ही पहली किश्त के रूप में 20 हजार रुपए अनीता ने अपने हाथ में लिए, तभी लोकयुक्त टीम में शामिल महिला पुलिसकर्मियों ने उसे दबोच लिया। अनीता के जब हाथ धुलवाए, तो पानी लाल।हो गया। इसके बाद लोकायुक्त ने अपनी कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद पर्यवेक्षक अनीता को जमानत पर छोड़ दिया।
लोकायुक्त इस कार्यवाही ने एक बार फिर यह प्रमाणित कर दिया कि जिले में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी चरम पर है, और इससे महिला बाल।विकास विभाग भी अछूता नहीं रहा।
लोकायुक्त के शिकंजे में रिश्वतखोर पर्यवेक्षक