September 30, 2025
img_20250415_1240282352731315888656350.jpg

पांचवा चुनाव इनकी वजह से ही हारे, अब सबसे बड़ी पार्टी की फौज है साथ
पहली बार पिता की सिंपैथी, तो तीन बार अपनी पहचान और काम की दम पर जीते
शिवपुरी। देश में जब औरंगजेब का मुद्दा 300 साल बाद उठ सकता है, तो हमने सोचा कि हम भी 6 साल पुराना गड़ा मुर्दा उखाड़ दें। गुना-शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के आसपास कुछ ऐसे लोगों का कॉकस है, जिसके बीच फंसकर वो आमजन से दूर हो रहे हैं। जबकि पांचवा चुनाव सिंधिया इनकी ही झूठी जीत की रिपोर्ट पर भरोसा करके हारे। पार्टी बदली और भाजपा की प्रदेश में सरकार बनाने के बाद, अब उनके साथ दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाली भाजपा की फौज है। जिसके चलते एक बड़ी जीत पिछले साल चुनाव में मिली।
केंद्रीय मंत्री और क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्ष 2012 में सांसद का पहला चुनाव लड़े। जिसमें उन्हें पिता के निधन की सिंपैथी और सिंधिया परिवार की तीन पीढ़ियों। वाली लोकसभा सीट होने की वजह से बड़ी जीत मिली। हालांकि इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने लोकसभा क्षेत्र में काम भी किया, और सिंधिया परिवार का मुखिया होने की वजह से लगातार 4 बार सांसद का चुनाव जीते।
वर्ष 2019 में जब पूरे देश में मोदी की लहर थी, तब कांग्रेस से सिंधिया ने फार्म भरा, और भाजपा ने डॉ. केपी यादव को मैदान में उतारा। सिंधिया के नजदीकी लोग, उन्हें यही भरोसा दिलाते रहे कि मोदी की इस आंधी में भी आप 5 लाख से अधिक वोटों से जीत रहे हो। अपने आसपास के इस कॉकस की बातों पर यकीन करने के बाद जब वोटिंग के दिन मंशापूर्ण मंदिर के पास मतदान केंद्र पर सिंधिया पहुंचे, तो वहां क्लिक हुए उनके फोटो में चेहरे ने बता दिया था कि केपी जीत गए। प्रदेश ही नहीं देश में हुए इस सबसे बड़े राजनीतिक उलटफेर को करने वाले डॉ. केपी यादव सोशल मीडिया पर सबसे अधिक ट्रोल होने वाले पहले नेता बन गए थे। हालांकि वो भी इस उपलब्धि को पाकर जनता से ऐसे दूर हुए कि अगले चुनाव में पार्टी के सर्वे में चारों खाने चित्त मिले।
आप भी उनके नजदीकियों का आंकलन करें ?
यदि मेरी बात पर यकीन ना हो तो सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के आसपास रहने वाले लोगों का एक-एक नाम याद करके, उनके पास मौजूद वोटबैंक पर गौर जरूर करना, सब समझ आ जाएगा। जबकि इसके विपरीत भाजपा में आने के बाद उन्हें कार्यकर्ताओं की मांजी-मंजाई टीम मिली है। जनता से जुड़ेंगे, तो उनका छोटा-छोटा दर्द सुनकर उसे दूर करोगे, और शहरवासी खुश रहेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page