
केंद्रीय मंत्री के रोड शो के लिए जब प्रशासन आया सड़क पर, तो हड़ताल भी हुई खत्म
रोड शो से पहले शहर में पैदल घूमे कलेक्टर-एस्पी व प्रशासनिक अमला, रहे जाम के हालात
शिवपुरी। पिछले सात दिन से शहर में ठप सफाई व्यवस्था अब जल्द ही सुचारु हो जाएगी। क्योंकि सोमवार की देर शाम नपा के सफाईकर्मियों सहित अन्य कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गई। ऐसा होना भी था, क्योंकि 8 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को रोड शो एवं नागरिक अभिनन्दन इस गंदे शहर में कैसे हो पाता। आज शाम को कलेक्टर और एसपी ने सड़क पर पैदल घूमकर रोड शो के रूट को देखा। इस दौरान अधिकारियों के वाहन माधव चौक एवं गांधी चौक पर आदे-तिरछे खड़े होने से शहरवासी जाम में फंसकर परेशान होते रहे।
आज शाम लगभग 6 बजे कलेक्टर रविंद्र चौधरी और एसपी अमन सिंह राठौड़ के अलावा भाजपा के नेता ग्वालियर नाके पर पहुंचे। क्योंकि मंगलवार की शाम को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का रोड शो ग्वालियर नाके से शुरू होगा। अधिकारियों और नेताओं ने नाके पर कुछ देर रुककर चर्चा की और फिर माधव चौक पर आकर यह अधिकारी अपने वाहनों से उतरकर सड़क पर आ गए, लेकिन इस दौरान उनके वाहन रोड पर खड़े होने की वजह से एक साइड का ट्रैफिक लगभग 20 मिनट तक जाम में फंसा रहा।
चूंकि सिंधिया का रोड शो ग्वालियर नाके से थीम रोड होता हुआ सदर बाजार में से होकर कस्टम गेट पर पहुंचेगा। इसलिए कलेक्टर और एसपी माधव चौक से पैदल गांधी चौक तक पहुंचे। इस दौरान अधिकारियों के वाहनों की वजह से गांधी चौक पर भी लगभग 25 मिनट तक ट्रैफिक जाम के हालात बने रहे। चूंकि गर्मियों में शाम के समय ही लोग बाजार में आते हैं, इसलिए आज शाम को लगे ट्रैफिक जाम में फंसे लोग अपनी नाराजगी भी व्यक्त करते नजर आए।
जब कलेक्टर-एस्पी रोड शो का रूट देख रहे थे, तब शिवपुरी विधायक देवेंद्र जैन, नपाध्यक्ष और सीएमओ नपा परिसर में चल रही हड़ताल में रखे गए बिंदुओं पर अपनी सहमति जताकर हड़ताल खत्म करवाने की कवायद कर रहे थे। कुछ देर बाद नपा की हड़ताल खत्म हो गई, और रात 8 बजे से कचरा गाड़ियों का गीत बजने लगा, जो पिछले 7 दिन से बंद था।
सात दिवसीय घटनाक्रम में उठे कई सवाल

- जैसे आज मांगों को मान लिया गया, उन्हें मानने में 7 दिन का समय क्यों लगा?
- सात दिन से शहर में जब गंदगी के ढेर लग रहे थे, तब शहर के नेता धरना स्थल पर क्यों नहीं पहुंचे?
- क्या हड़ताल खत्म करने के लिए केंद्रीय मंत्री के दौरे का इंतजार था?
- क्या शहर को परेशान करने के बाद उसी व्यवस्था को सुचारु करने में भी क्रेडिट चाहिए?