
सूखने लगी पानी पर छाई जलकुंभी, मगरमच्छ v मछली के जीवन पर खतरा, रूठे प्रवासी पक्षी
सैमुअल दास की कलम से:::
शिवपुरी शहर से महज 3 किमी दूर माधव नेशनल पार्क में स्थित चांदपाठा झील को जब रामसर साइट में शामिल किया गया, तो यह शिवपुरी के लिए गर्व की बात थी। विश्व की विशेष धरोहरों में शामिल हुई चाँदपाठा के अब रामसर साइट से डी – नोटिफाई होने के चांस बढ़ गए। क्योंकि इसमें छाई जलकुंभी ने पानी को न केवल ढंक लिया, बल्कि झील भी सूखने लगी।
जलकुंभी का पौधा पानी पर तैरता रहता है, तथा जब पानी सूख जाता है, तो पौधा भी सूखने लगता है। आज पूरी झील पर सूखी जलकुंभी छाई हुई है। झील सूखने से उसने मौजूद हजारों मगरमच्छ व मछलियों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। पिछले दो साल से जलकुंभी छाए होने की वजह से प्रवासी पक्षियों ने झील पर आना ही छोड़ दिया। जबकि इन सभी की उपलब्धता को देखते।हुए इसे रामसर साइट में शामिल किया गया। यह हालात तब है जबकि दो माह पहले ही 1.20 करोड़ रुपए कीमत की जलकुंभी साफ करने वाली मशीन आई है।
यह हैं रामसर साइट के मानक



- अंतरराष्ट्रीय आद्रा भूमि यानि साफ पानी से भरी झील। जिसमें प्रवासी व विलुप्त होती पक्षियों की प्रजाति प्रवास पर आती हों।
- जैविक विविधता वाले पौधे और जीवों के अलावा जलजीवों का जीवन चक्र बेहतर तरह से जी सकें।
- रामसर ईरान के एक शहर का नाम है, जहां पर पर्यावरणीय संधि 2 फरवरी 1971 को हुई थी।
चांदपाठा झील में है यह सब:
चांदपाता झील में: 19 Species of Fish, 9 reptiles, 19 mammals and an important staging ground for 73 bird species।
साइट वालों को पता नहीं: एडवोकेट अभय
रामसर जैसी अंतरराष्ट्रीय साइट में शिवपुरी का नाम जोड़ने वाली चांदपाठा झील की वास्तविक स्थिति के बारे में साइट वालों को पता नहीं है। अन्यथा वो साइट डी – नोटिफाई हो जाएगी।
एडवोकेट अभय जैन - बोले रेंजर: पीछे की तरफ से हो रही सफाई
- नेशनल पार्क के अंदर झील में पीछे की ओर से मशीन से सफाई का काम चल रहा है। चूंकि पानी में यह पौधा तैरता है, और अभी यह सर्दी की वजह से सूख रहे हैं।
- वृन्दावन सिंह यादव , रेंजर नेशनल पार्क