पांच जिलों के 30 मजिस्ट्रेटों को 5 दिवसीय प्रशिक्षण में दी जाएगी 40 घंटे की ट्रेनिंग
शिवपुरी। टूरिज्म विभाग के टूरिस्ट विलेज में रविवार से मजिस्ट्रेटों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ। जिसमें मजिस्ट्रेटों को मीडियेटर बनकर मामलों का निराकरण करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। 40 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके लिए शिवपुरी सहित 5 जिलों के मजिस्ट्रेट टूरिस्ट विलेज में इकठ्ठा हुए हैं।
रंजना चतुर्वेदी सचिव,जिला विधिक सेवा का कहना है कि न्यायालयों में चल रहे प्रकरणों में से कुछ मामले ऐसे होते हैं, जिनमें यदि दोनों पक्षों को समझकर, उनके बीच हुए विवाद की वजह को दूर करके उस मामले को सुलझाया जा सकता है। जिससे दोनों ही पक्षों का पैसा और समय बचने के साथ-साथ उन्हें होने वाले मानसिक तनाव को भी कम किया जा सकता है।
सचिव रंजना चतुर्वेदी का कहना है कि इनमें पारिवारिक रिश्तों में चल रहे मामलों के अलावा सिविल केसों को भी मध्यस्थता के माध्यम से निराकृत किया जा सकता है। जैसे पति-पत्नी के बीच यदि कोई प्रकरण चल रहा है, तो मीडियेटर बने मजिस्ट्रेट अलग रूम में एक-एक से अलग बातचीत करके यह जानने की कोशिश करते हैं कि विवाद की वजह है, और उसका निराकरण करने के लिए कौन सा फैसला किया जाए, ताकि दोनों पक्षों के बीच सुलह होने के साथ ही उनके बीच कोई सामाजिक मन मुटाव भी ना रहे। इसी तरह सिविल के किसी मामले में यदि जमीन के टुकड़े पर अधिकार को लेकर कोई प्रकरण चल रहा है, तो मध्यस्थता करने वाले मजिस्ट्रेट उसमें विवाद की वजह मालूम करके उसे इस अंदाज में निराकृत करेंगे कि दोनों ही पक्ष उसमें सहमत हो जाएं।
सचिव रंजना ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार मीडियेटर का यह प्रशिक्षण शिवपुरी, ग्वालियर, गुना, श्योपुर, अशोकनगर के मजिस्ट्रेटों को पांच दिन में कुल 40 घंटे का प्रशिक्षण देकर उन्हें मीडियेटर जज बनाया जायेगा। मीडियेशन से मामलों का निराकरण करने से उन लोगों का समय और पैसा बचेगा, जो बरसों तक किसी प्रकरण में तारीखें करते हैं। साथ ही न्यायालय में लंबित प्रकरणों के आंकड़े में कमी आएगी।