
शिवपुरी। आज 8 मार्च को नेशनल लोक अदालत के माध्यम से जिला मुखयालय सहित सभी तहसील न्यायालयों के माध्यम से कुल 2189 मामले निराकृत हुए। जिससे 2938 लोग लाभान्वित हुए।
नेश्नल लोक अदालत का आयोजन जिला मुख्यालय पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के एडीआर भवन में सुबह 10ः30 बजे प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र प्रसाद सोनी ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस अवसर पर अशोक कुमार शर्मा, विशेष न्यायाधीश, विजय तिवारी, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ शिवपुरी, दीपाली शर्मा, द्वितीय जिला न्यायाधीश, विवेक शर्मा, प्रथम जिला न्यायाधीश, अरूण कुमार सिंह, पंचम जिला न्यायाधीश, अमित कुमार गुप्ता, सप्तम जिला न्यायाधीश, राजीव राव गौतम, षष्टम जिला न्यायाधीश, विधान माहेश्वरी, तृतीय जिला न्यायाधीश, प्राची शर्मा उपाध्याय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवपुरी, न्यायिक मजिस्ट्रेट जितेन्द्र मेहर, ऋचा सिंह राजावत, प्रिया शर्मा, प्रत्यक्षा कुलेश, निहारिका व्यास, जिला विधिक सहायता अधिकारी डॉ. वीरेन्द्र कुमार चढ़ार, संदीप कालरा, महाप्रबंधक विद्युत विभाग, कार्यपालन यंत्री श्री श्रवण पटेल, विश्वभूषण उपाध्याय, विद्युत विभाग, बीमा कंपनी अधिवक्ता दिलीप गोयल, वीरेन्द्र शर्मा, लीगल एड डिफेंस काउंसिल से आलोक श्रीवास्तव, पवन चंदेल, निखिल सक्सेना, मनीष जैन, नूपुर राठौर एवं अधिवक्ता संजय शर्मा, पीएलव्ही ललित शर्मा, अमित दांगी, रीता बाथम, देवेन्द्र कुशवाह, गोपाल राठौर, स्वाती राठौर, मिथुन विनायक, कपिल धाकड़, नीरू रावत उपस्थित रहे।
नेशनल लोक अदालत में जिले की कुल 28 खण्डपीठों के माध्यम से 2189 मामलो का निराकरण हुआ एवं लगभग 2938 से अधिक पक्षकार लाभान्वित हुए। निराकृत मामलों में विचाराधीन मामले 679 एवं प्रिलिटिगेशन स्तर के मामले 1510 शामिल थे एवं राशि 16829500 का अवार्ड पारित हुआ तथा 90856521 राशि बसूल की गयी।
विशेष न्यायाधीश/नोडल ऑफीसर नेशनल लोक अदालत, अशोक कुमार शर्मा के विशेष प्रयास से कुटुम्ब न्यायालय के लगभग 07 मामलों में पति पत्नि ने एक दूसरे को फूल माला पहनाकर पुनः एक साथ रहने को सहमत हुए एवं न्यायालय द्वारा न्याय के सांकेतिक रूप में पौधे प्रदान किए गए। तत्पश्चात नेशनल लोक अदालत में सभी पक्षकार अपने मामले का निराकरण कराकर राजी खुशी अपने घर को रवाना हुए।


जिनमें से कुछ विशेष प्रकरण इस प्रकार रहे-
1- अलग रह रहे पति पत्नि हुए एक – आवेदिका परिवर्तित नाम कुसुम जिसकी शादी अनावेदक परिवर्तित नाम सोनू से 2019 में हुयी थी। इसी प्रकार आवेदिका परिवर्तित नाम रेखा अनावेदक परिवर्तित नाम देशराज का वर्ष 2012 में हिन्दू रीती रिवाज से विवाह संपन्न हुआ था। दोनों ही मामलों में छोटी-मोटी कलह एवं आपसी मनमुटाव के कारण लगभग 7 एवं 12 वर्षों से पृथक-पृथक रह रहे थे। नेशनल लोक अदालत की पीठ के माध्यम से मामले के निराकरण कराने में लोक अदालत के फायदे बताये गये इस हेतु प्रथक-प्रथक एवं संयुक्त रूप से समझाईस दी गई। परिणामस्वरूप दोनों मामलों में आवेदक अनावेदक ने राजीनामा कर एक साथ रहने का मन बनाया। इस अवसर पर माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय ने दोनों पक्षकारों को न्याय रूपी सांकेतिक पौधा प्रदान किया।