
मूर्ति विसर्जन के बाद से शुरू हुआ मछलियों के मरने का सिलसिला
मत्स्य समिति को हो रहा नुकसान, की शिकायत
शिवपुरी जिले के पिछोर नगर के ऐतिहासिक किले व टेकरी सरकार हनुमान मंदिर के पास स्थित प्राचीन मोती सागर तालाब में इन दिनों बड़ी तादाद में छोटी-बड़ी मछलियों सहित अन्य जलजीव मर रहे हैं। देवी प्रतिमाओं के विसर्जन के बाद से यह सिलसिला शुरु हो गया। बड़ी संख्या में झींगुर व मछलियां मरने ने से घाट पर बदबू भी फैल रही है, जिससे लोग घाट पर जाने को भी तैयार नहीं है।
तालाब में मछली पालन करने वाले ठेकेदार ने पानी का सैंपल पीएचई विभाग को देकर टेस्टिंग रिपोर्ट मांगी है। वही इस मामले में नगर परिषद को भी खबर मिलने पर सीएमओ ने चिंता जताते हुए पानी का सैंपल जांच करने के लिए भेजा है।
पिछोर कस्बे सहित आसपास के गांव की शनिवार दशहरे परआदमकद से भी बड़ी-बड़ी लगभग 138 से अधिक देवी मूर्तियो का विसर्जन तालाब में किया गया था। जिससे मूर्तियों में लगा केमिकल पानी में घुल गया और मछलियां मरने लगीं। हालांकि इससे कुछ दिन पूर्व बड़ी तादाद में गणेश मूर्तियों का भी विसर्जन किया गया, जिससे पानी पूरी तरह विषैला हो गया। इस सम्बंध में नगर परिषद सीएमओ आनंद शर्मा ने बताया कि यह सब मूर्तियों में लगे केमिकल का प्रभाव है। तालाब के पानी का सैंपल भेज दिया है। वहीं मछली का भी सैंपल जांच हेतु भेज दिया गया है तथा मरी हुई मछलियों को दफनाया जा रहा है।
खतरा केवल मछलियों के मरने का ही नहीं है बल्कि इन मछलियों के भोजन में उपयोग करने को लेकर भी लोग चिंतित दिखाई दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अब लोग विषैला पानी के प्रभाव को देखकर नहाने में भी कतरा रहे हैं लोगों को डर सता रहा है कि पानी में उतरने से आंखों और शरीर में परेशानी बढ़ाने का खतरा है
हमें हो रहा हर दिन नुकसान
आदर्श मत्स्य उद्योग सहकारी संस्था मर्यादित पिछोर के अध्यक्ष नंदकिशोर ने कहा कि हम परेशान हैं। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि छोटी मछलियों से लेकर 10 और 15 किलो की मछलियां मर रही हैं। यह नुकसान मूर्ति विसर्जन के बाद से हो रहा है। सही कारण पता नहीं है रोज 50 से 70 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है
मत्स्य विभाग ने बताए दो कारण
इस संबंध में मत्स्य विभाग के इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह सचान से बात की तो उन्होंने बताया मछली मारे जाने के दो कारण हो सकते हैं। या तो पानी में ऑक्सीजन की कमी होती है, हालांकि उसे पानी में चूना डालकर रोक सकते हैं, दूसरा तालाब में कहीं से कोई गंदा पानी या केमिकल युक्त पानी तो नहीं आ रहा है। बड़ी तादाद में मूर्तियों के विसर्जन और केमिकल से भी मछली के मरने की संभावना हो सकती है।










