
शिवपुरी। 6 दिन तक जिंदगी की जंग लड़ रही रानी नामदेव मौत से हार गई, तथा उसकी सांसें सोमवार की रात थम गईं। मृतका रानी कोतवाली शिवपुरी में दर्ज, हत्या के प्रयास, प्रकरण में आरोपी थी, और महिला पार्षद फरियादी है। जबकि इस केस के मुख्य किरदार (पार्षद पति राजू बाथम) ने अब राहत की सांस ली होगी, क्योंकि जलने के बाद से रानी बोलने की स्थिति में ना होने से कोई बयान देकर नहीं गई, और अब तो दुनिया ही छोड़ गई।
गौरतलब है कि बीते 28 मई को दर्पण कॉलोनी में रहने वाली रानी नामदेव ने वार्ड 27 की महिला पार्षद सुमन बाथम के इंदिरा कॉलोनी स्थित घर जाकर पेट्रोल डालकर आग लगा ली थी। इस आत्मघाती कदम को जब रानी ने उठाया तो बोतल में भरे पेट्रोल के कुछ छींटे पार्षद सुमन पर भी आ गए थे। महिला ने खुद पर पेट्रोल डालकर पार्षद के सामने उसके घर पर आत्मदाह करके अपनी जान दे दी, उसे ही हत्या के प्रयास का आरोपी बना दिया गया, जबकि यह नहीं देखा गया कि आखिर ऐसे हालात क्यों बने, जब एक महिला ने अपनी जान देने के लिए खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा ली। क्या इस पूरे घटनाक्रम में पार्षद पति कहीं नहीं है?, जिससे 15 साल पुरानी दोस्ती मृतका रानी नामदेव से बताई जा रही है। साथ ही यह भी बताया जाता है कि महिला के पति गोपाल को ऑटो दिलवाने और बेटी की शादी में मदद कर चुके हैं।
अब क्या होगा ..?
महिलाओं का मददगार बनकर उसे आगे बढ़ाने के लिए सरकार लाडली बहना के नाम से सशक्त करने के दावे नेता करते हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए विभिन्न योजनाएं चलाने का दावा करने वाली सरकार में, एक महिला इतनी मजबूर हुई, कि उसने बाजार से बोतल में पेट्रोल भरवाया, और आग लगाकर जान दे दी। आग में 95 फीसदी झुलसी रानी ने कुछ बोला नहीं, और कोतवाली में दर्ज प्रकरण में पार्षद सुमन फरियादी हैं। आरोपी दुनिया छोड़ गया, तो अब जो फरियादी कहानी सुनाएगा, पुलिस उसे ही सच मानकर केस बंद कर देगी, और इस हृदय विदारक घटनाक्रम का मुख्य किरदार यानि मृतका का मददगार, इस पूरी फिल्म से बाहर ही रहेगा.??, यही सवाल शहर की जनता के मन में चल रहे हैं। क्या महिला पार्षद खुद को फरियादी और उनका पति स्वयं को कमरे में सोते हुए बताकर पुलिस की जांच पर विराम लगा देंगे.?
अब मृतका का पति क्या बोलता है..?
मृतका रानी के पति गोपाल को जब फोन लगाकर इस घटनाक्रम के बारे में पूछा, तो वो बोला कि अभी मैं बहुत उलझन में हूं, कुछ बताने की स्थिति में नहीं हूं। हालांकि कोतवाली पुलिस को ग्वालियर से केस डायरी आने और परिजनों के बयान लिए जाने की बात कह रही है।
