
2 किमी दूर से भरकर ला रहे पानी, छोड़नी पड़ रही मजदूरी, पिछले एक साल से खराब पढ़ा है आदिवासी बस्ती का एकमात्र हैंडपंप
शिवपुरी। तहसील शिवपुरी के चिटौरीखुर्द गांव की आदिवासी बस्ती में इन दिनों गंभीर जलसंकट गहरा गया। बस्ती में रहने वाले 40 परिवारों को दो किमी दूर से पानी भरकर लाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं पानी की तलाश में भटकने की वजह से बस्ती के परिवारों को अपनी मजदूरी भी छोड़नी पड़ रही है। पीड़ित परिवारों ने शुक्रवार को कलेक्टर के नाम ज्ञापन देकर बस्ती में बोर कराने की मांग की है।
गौरतलब है कि केंद्र से लेकर राज्य सरकार यह दावा करते नहीं थक रहीं कि हम हर घर को शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराएंगे। जल मिशन योजना के तहत जिले के 800 गांव को शुद्ध पानी देने का दावा पिछले 3 साल से किया जा रहा है, लेकिन अभी तक यह प्रोजेक्ट हवा में ही लटका हुआ है। ऐसे में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भीषण गर्मी के बीच जलसंकट गहराता जा रहा है।
शिवपुरी तहसील के चिटोरीखुर्द गांव की आदिवासी बस्ती में रहने वाले 40 परिवारों के लिए एक हैंडपंप लगाया गया था, जो पिछले एक साल से खराब पढ़ा है। ऐसे में इन आदिवासी परिवारों को पानी भरने के लिए 2 किमी दूर जाना पड़ रहा है। बस्ती में रहने वाली उर्मिला आदिवासी ने बताया कि हमे पानी के लिए जब दूर तक जाना पड़ता है, जिसके चलते हमें हर दिन की 300 रुपए की मजदूरी से भी हाथ धोना पड़ रहा है। पानी के लिए परेशान आदिवासी महिलाओं ने आज कलेक्ट्रेट आकर अपनी समस्या का शिकायती आवेदन देकर नया बोर लगाने की मांग की।
