
केंद्रीय मंत्री का था दावा: नहीं रहेगा मफ़ियाराज, जिले में सभी तरफ माफिया हावी
शिवपुरी। मध्यप्रदेश का सबसे बड़े घोटालेबाज जिले का तमगा शिवपुरी को मिला है। फिर चाहे सहकारी बैंक में हुआ 100 करोड़ का घोटाला, या फिर प्रदेश का सबसे बड़े परिवहन विभाग घोटाले के मुख्य सूत्रधार सौरभ का ठिकाना भी शिवपुरी के पिछोर से रहा। इतना ही नहीं पिछोर विधायक ने तो पूर्व कांग्रेस विधायक से सौरभ के संबंधों का खुलासा करते हुए डीएनए टेस्ट कराने की बात भी कही थी। इतने बड़े घोटालों में शिवपुरी का नाम चमकता रहा, और इधर केंद्रीय मंत्री यह दावा करते रहे कि मेरे संसदीय क्षेत्र में मफ़ियाराज नहीं चलेगा।
शिवपुरी जिला ऐसा चारागाह है, जहां पर आने वाले अधिकारी-कर्मचारी बेखौफ अंदाज में घोटाले करते हैं, और फिर मामला जांच के ठंडे बस्ते में डलवाकर दूसरी जगह घोटाले करने निकल जाते हैं। लोकायुक्त में सबसे अधिक शिवपुरी के अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत लेते ट्रैप हुए। सहकारी बैंक घोटाले में 100 करोड़ का हेरफेर हो गया, लेकिन इसमें शामिल अधिकारी इस पूरे मामले आ बाहर हो गए। पिछले दिनों 50 करोड़ शासन से लाने का दावा भी किया गया, लेकिन मंगलवार को एक वृद्धा बैंक में जमा अपने 5 लाख रुपए मांगने के लिए गुहार लगाती रही। मीडिया के हस्तक्षेप से कलेक्टर ने 5 में से 1 लाख देने का वायदा कर दिया। यानि अपने पैसों को ही दिलाए जाने के लिए लोगों को गिड़गिड़ाना पड़ रहा है, जबकि घोटाला करने वाले मौज के रहे हैं।
परिवहन विभाग में 11 करोड़ नगदी और 54 किलो सोना मिलने के बाद उजागर हुए घोटाले का मुख्य सूत्रधार सौरभ शर्मा भी शिवपुरी के पिछोर विधानसभा क्षेत्र का रहने वाला है। भाजपा के पिछोर विधायक प्रीतम लोधी ने तो सार्वजनिक मंच से लेकर विधानसभा में आरोप लगाए थे कि पिछोर के पूर्व विधायक केपी सिंह के सौरभ से नजदीकी संबंध रहे तथा दोनों का डीएनए कराया जाए, तो एक ही निकलेगा।
भूमाफिया पर कार्रवाई का इंतजार
पिछले दिनों कलेक्ट्रेट में बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि भूमाफिया पर कार्रवाई की जाएगी। उनके दावे को भी एक पखवाड़ा हो गया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि सुरवाया में 1500 बीघा जमीन का नामांतरण करने वाले एसडीएम अभी लूप लाइन में हैं, और कलेक्टर ने नामांतरण निरस्त कर दिया। चूंकि भूमाफिया पर राजनीतिक लोगों का ही संरक्षण है, इसलिए प्रशासन भी उन।पर कार्रवाई करने की बजाए, उनके साथ ही मिलकर इस खेल में भागीदार हो गया।









