
अपनी ही सरकार में रो रहे विधायक, करेरा मंडल के पदाधिकरी देते फिर रहे इस्तीफा
शिवपुरी। भारतीय जनता पार्टी में चल रहे अंदरूनी घमासान से हो रहे डेमेज को क्या केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कंट्रोल करेंगे?, यह सवाल हर किसी के दिमाग में चल रहा है। क्योंकि हालात इतने बदतर हो गए कि विधायक मीडिया के सामने नगर को नरक और प्रशासन को भ्रष्टाचार का अड्डा बता रहे हैं। इधर करेरा में जिलाध्यक्ष और विधायक की खींचतान में मंडल के पदाधिकारी इस्तीफा देते फिर रहे हैं।
गौरतलब है कि सिंधिया के दौरे से ठीक एक दिन पहले शिवपुरी विधायक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस तो जिला अस्पताल में न्यूरो सर्जन लाने के लिए की थी, लेकिन उसमें प्रशासन और नगरपालिका में चल रहे भ्रष्टाचार का पोस्टमार्टम कर डाला। मीडिया के सामने अपनी ही सरकार में मजबूर और बेबस बने विधायक ने यह इशारा तो कर दिया कि हमारे चिल्लाने से कुछ नहीं हो रहा, प्रशासन की चाबी तो एक के पास ही है, और सरकार में भी एक ही की चल रही है, अन्यथा नपाध्यक्ष की कुर्सी भी अभी तक नहीं बची होती।
करेरा में भाजपा विधायक रमेश प्रसाद खटीक और सिंधिया द्वारा (थोपे) बनाए गए जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव के बीच चल रही तनातनी से पार्टी के मंडल पदाधिकारी अपनी कुर्सी छोड़कर भाग रहे हैं। इतना ही नहीं, करैरा विधायक ने जिलाध्यक्ष की वजह से सिंधिया के कार्यक्रमों से ही बायकॉट करना शुरू कर दिया। भाजपा में चल रही इस अंदरूनी खींचतान में केंद्रीय मंत्री सिंधिया, क्या भूमिका निभाते हैं, देखना लाजमी होगा, क्योंकि यह सवाल उनके समक्ष आयेंगे जरूर।
