
पूर्व टीआई व वर्तमान भाजपा विधायक के नजदीकी पर लगाया फंसाने का आरोप
5 दिन पहले ईओडब्ल्यू में पहुंचे टीआई मिश्रा बोले: मैने की थी मांग, तो करते मेरी शिकायत
शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा के भौंती में रहने वाले शासकीय शिक्षक सुरेश सिंह भदौरिया के घर बुधवार की अलसुबह ईओडब्ल्यू की टीम ने छापामारी की। बताया गया कि शिक्षक 8 करोड़ का आसामी निकला, साथ ही पुलिस थाने की जमीन पर भी कब्जा बताया गया। इस मामले में जब शिक्षक भदौरिया से पूछा तो उन्होंने इस घटनाक्रम के पीछे पूर्व भोंती टीआई संजय मिश्रा एवं वर्तमान पिछोर विधायक प्रीतम लोधी के नजदीकी शिवम गुप्ता ईओडब्ल्यू में शिकायतकर्ता() की साजिश बताई। महत्वपूर्ण बात यह है कि अभी 5 दिन पहले ही पूर्व टीआई मिश्रा ने इंदौर ईओडब्ल्यू में ज्वाइनिंग दी है।
बताते हैं कि भोंती के शासकीय शिक्षक सुरेश सिंह भदौरिया के पिछोर के पूर्व विधायक केपी सिंह (कक्काजू() के नजदीकी रहे तथा शिक्षक बनने से पहले वो कंट्रोल की दुकान चलाते थे। 1998 में शिक्षाकर्मी से भर्ती होकर वर्तमान में 70 हजार रुपए मासिक वेतन ले रहे हैं।
बताते हैं कि जब तक पिछोर के केपी का जलवा रहा, तब शिक्षक भदौरिया दाऊ साहब बने रहे। इस दौरान उन्होंने सभी विवादित जमीनों का सौदा भी औने पौने दामों में किया। इस दौरान भोंती थाने की जमीन के कुछ हिस्से पर भी भदौरिया का कब्जा है। जबकि उक्त जमीन का केस वो जेएमएफसी न्यायालय से हार गए। शिक्षक पर माल बहुत था तो अधिक ब्याज पर पैसा भी उधार देते थे।
शिक्षक ने यह दी सफाई
शिक्षक सुरेश भदौरिया ने बताया कि मेरी शिकायत ईओडब्ल्यू में करने वाले शिवम गुप्ता, पिछोर के वर्तमान विधायक प्रीतम लोधी के राइट हैंड हैं। साथ ही वो भोंती के पूर्व टीआई संजय मिश्रा का खास चेला है। मैंने थाने की जमीन पर कोई कब्जा नहीं किया, बल्कि पूर्व टीआई संजय मिश्रा ने मुझसे 5 लाख रुपए की मांग की थी। बकौल शिक्षक भदौरिया, जैसे ही मिश्रा ईओडब्ल्यू में गए, तो उन्होंने अपने चेले से मेरे खिलाफ शिकायत करवा दी। इतना ही नहीं मेरे पिताजी द्वारा खरीदी गई जमीन पर बने मकान की कीमत 1.70।करोड़ आंकी गई तथा मेरे घर से 4.70 लाख रुपए कैश मिला, जिसमें 2 लाख रुपए।तो मेरी बेटी की शादी में व्यवहार आया है। ईओडब्ल्यू ने घर के थाली-कटोरी और साड़ियों तक के दाम जोड़े हैं।
बोले पूर्व टीआई: न्यायालय में हार गया
शिक्षक भदौरिया थाने की जमीन पर कब्जा किए हुए है, और वो न्यायालय में भी हार गया है। जिसने उसके मुताबिक काम नहीं किया, वो सब भ्रष्ट हैं। मैने तो 5 दिन पहले ही ईओडब्ल्यू इंदौर ज्वाइन किया है। इतनी जल्दी मै कैसे शिकायत करवा सकता हूं।
