जब 6 थे, तब 7 बोल गए, और अब 8 टाइगरों वाला माधव टाइगर रिजर्व बताया
आजादी से पहले टाइगरों का ठिकाना हुआ करता था शिवपुरी, तेजी से बढ़ते हैं यहां वन्यजीव
शिवपुरी। शिवपुरी का नेशनल पार्क अब माधव टाइगर रिजर्व बन गया, और वर्तमान में यहां 7 टाइगर हैं, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने भाषण में एक टाइगर अधिक गिन गए। बीती रात कस्टम गेट पर आयोजित धन्यवाद सभा में सिंधिया ने कहा कि 8 टाइगरों वाला माधव टाइगर रिजर्व। महत्वपूर्ण बात यह है कि आजादी से पहले शिवपुरी के जंगलों में टाइगरों की भरमार थी, और विदेशी अधिकारी यहां टाइगर का शिकार करने आते थे।
गौरतलब है कि बीते 10 मार्च को जब मादा टाइगर को माधव टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया था, तब सेलिंग क्लब पर सिंधिया ने पार्क में टाइगरों की संख्या 7 बताई थी, जबकि उस समय 6 टाइगर थे, और सातवां तांडव नाम का नर टाइगर 5 दिन पहले छोड़ा गया। शिवपुरी में टाइगरों की संख्या तेजी से बढ़ना तय है, क्योंकि यहां का जंगल टाइगरों। के।लिए अनुकूल है। पूर्व में जब नेशनल पार्क के अंदर टाइगर सफारी बनाया था, तब उसमें भी टाइगरों की संख्या काफी अधिक हो गई थी।
माधव टाइगर रिजर्व में जब सैलानियों को टाइगर दिखने लगेंगे, तो न केवल स्थानीय बल्कि विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा। साथ ही पार्क में नीलगाय जैसे बड़े शाकाहारी वन्यजीव बहुतायत में थे, उनकी संख्या पर भी अंकुश लगेगा। क्योंकि अभी तक जो तेंदुआ नेशनल पार्क में हुआ करते थे, वो नीलगाय या बारहसिंघा का शिकार नहीं कर पाते थे।
मगरमच्छों को भी पसंद आया शिवपुरी
लगभग 40 साल पहले तक शिवपुरी में एक भी मगरमच्छ नहीं था। मद्रास क्रोकोडाइल बैंक से 1985 में दो जोड़े मगरमच्छ के लाकर चन्दपाठा झील में छोड़े गए थे। इन 40 साल में मगरमच्छों की संख्या कुछ ऐसी बढ़ी कि चांदपाता और जाधव सागर फुल होने के बाद सभी नाले और कर्बला में भी हजारों की संख्या में मगरमच्छ हैं। इतना ही नहीं, लगभग एकाध हजार मगरमच्छ सिंध नदी में भी छोड़े जा चुके हैं।