September 30, 2025

कक्ररवाया सरपंच बोले: मैने नहीं दी पेड़ काटने की कोई परमीशन, सील तो 50 रुपए में बन रही
कमाडेंट बोले: यदि सरपंच ने अनुमति नहीं दी तो हम इसकी जांच कराते हैं
शिवपुरी। देश की रक्षा करने वाले सीआरपीएफ के जवान न केवल कमांडो बनकर देश की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि वो आमजन के भविष्य को सुरक्षित करने और उन्हें जीवन दायिनी ऑक्सीजन देने के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ भी लगाते हैं। ऐसे ही सैकड़ों पेड़ भैया होटल के पास सीआईएटी ट्रेनिंग सेंटर के फायरिंग जोन की सड़क के किनारे लगाए। यह पेड़ हरे-भरे होकर मोटे तने के हो गए थे।
पिछले दिनों एक व्यक्ति वहां आया और हरे भरे 70 पेड़ों को काटकर ट्रेक्टर ट्रॉली में भर ले गया। जब सीआरपीएफ के अधिकारियों ने उस युवक से पेड़ काटने की वजह पूछी तो उसने एक सादा कागज पर ककरवाया सारांश द्वारा पेड़ काटने की अनुमति दिखा दी। सीआरपीएफ के अधिकारी उस लेटर को सच मानकर भारी मन से पेड़ों को काटते देखते रहे। क्योंकि यह पेड़ ट्रेनिंग सेंटर के जवानों ने ही लगाए थे।
जब हमने ककरवाया सरपंच प्रेमसिंह से बात की तो वो बोले कि हमने किसी को पेड़ काटने की परमीशन नहीं दी। सरपंच का तो यहां तक कहना है कि मैने अभी तक कोई लेटरपेड तक नहीं छपवाया है। यदि मेरी सील लगाई है, तो बाजार में 50 रुपए देकर सील बना रहे हैं।
सीआईएटी के कमाडेंट प्रवीण थपरियाल से जब बात की तो उनका कहना है कि यदि सरपंच ने अनुमति नहीं दी है, तो फिर हम उस पत्र का सरपंच से क्रॉस चेक करवाकर आगे की कार्रवाई करेंगे।
महत्वपूर्ण बात यह है कि उक्त जमीन का कोई मालिकाना हक नहीं जता रहा। पहले जिसने अपनी जमीन बताई, अब वो कह रहा है कि जमीन अभी भी दूसरे की ही है। इसका मतलब यह है कि हरे-भरे पेड़ों को काटने की जिम्मेदारी लेने से हर कोई बच रहा है, जबकि बड़ी संख्या में यहां पेड़ों को काटा गया।
इसमें तो सरपंच की परमीशन का कूटरचित दस्तावेज बनाकर हरे-भरे पेड़ों को काटकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का मामला बनता है।

यह है वो सीआईएटी ट्रेनिंग सेंटर जाने का रस्ता, जहां काट दिए पेड़

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page