कचरा गाड़ी ना आने से घरों में सड़ांध मार रहे कचरे को मजबूरी में नाले को कर रहे समर्पित
कुछ पार्षदों ने चलाई ट्रेक्टर ट्रॉली, घरों एवं इकठ्ठा किया कचरा, झाडू लगाने के भी आए वीडियो
शिवपुरी। महल की छत्रछाया में रहने वाला शिवपुरी शहर इन दिनों बेहद बदहाली के दौर से गुजर रहा है। 4 दिन से शहर के बाजार से लेकर वार्डों में झाड़ू नहीं लगी, कचरा गाड़ी नपा परिसर में खड़ी हैं, तथा अब लोग घर के अंदर रखे कचरे में उठ रही सड़ांध से परेशान होकर उसे आसपास के नालों में समर्पित कर रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि पूरा शहर कचराघर बन गया, लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि या वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी इस दिशा में कोई पहल नहीं कर रहा। हालांकि कुछ पार्षदों के ट्रेक्टर ट्रॉली में घरों से कचरा कलेक्शन और उपाध्यक्ष पुत्र का झाड़ू लगाने का वीडियो भी सामने आया।
शिवपुरी नगरपालिका में जो परिषद बनी है, उसमें अध्यक्ष पद के दावेदार रामजी व्यास और भानू दुबे के बीच चल रहे द्वंद के बीच गायत्री शर्मा की किस्मत का सितारा चमका, और पूर्व कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, उन्हें अध्यक्ष बनाकर खुद रवानगी डाल गईं। जिन्हें नपाध्यक्ष बनाकर शहर की कमान सौंपी गई, वो पूरे शहर की पसंद नहीं हैं। यही वजह है कि वो भी इसे किस्मत का खेल मानकर जनहित को छोड़ स्वहित पर अधिक फोकस किए हुए हैं।
शहर पर थोपें गए नपाध्यक्ष को वो लोग भी खेलने के मूड में नहीं हैं, जो अध्यक्ष की कुर्सी तक लगभग पहुंच ही गए थे। बताया तो यहां तक जाता है, जिसका सितारा चमका, वो भी टोकन मनी ले चुके थे। बीते 1 अप्रैल से चल रही सफाईकर्मियों, ड्राइवरों और पंप अटेंडरों की हड़ताल और नगरपालिका में तालाबंदी होने के तीसरे दिन सीएमओ से लेकर नपाध्यक्ष और उपाध्यक्ष पुत्र बातचीत के दौरान पहुंचे। चूंकि एसडीएम सहित पुलिस भी पहुंच गई थी, तो ऐसा लगा कि शायद हड़ताल खत्म हो जाएगी। यही सोचकर क्रेडिट कार्ड से कहीं चूक न जाएं, तो तीसरे दिन आए, और वापस चले गए। चर्चा तो यह भी है कि इस हड़ताल को बाहर से भी समर्थन मिल रहा है। जिसके चलते बातचीत से काम नहीं बन रहा, और शहर के हालात दिनोदिन बिगड़ते जा रहे हैं। इसमें सोचनीय पहलू यह भी है कि हड़ताल खत्म कराने के लिए जो वायदे किए जाते हैं, वो पूरे ही नहीं किए जाते, यही वजह है कि इस बार कर्मचारी आश्वासन नहीं, रिजल्ट मांग रहे हैं।
शहर को मोड़ा, हालात बद से बदतर
नपा सीएमओ इशांक धाकड़ मूलतः शिवपुरी शहरं के ही रहने वाले है। उन्हें गुना में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने झूठ बोलने पर माला पहनाकर सम्मानित किया था। शिवपुरी में आकर अपने सहपाठियों के साथ दूसरे कामों में उलझने के साथ ही अपने घर तक की सीसी सड़क बनवाने जैसे काम करवाते रहे, शहर की बदहाली से उन्हें भी ज्यादा लेना-देना नहीं हैं। कल गुरुवार को तो धरना स्थल पर स्थानीय होने और सहपाठियों की दम पर उलझने से भी नहीं चूके थे। शहर को मोड़ा आने के बाद इतने हालात बिगड़े, जैसे कभी नहीं बिगड़े।