September 30, 2025

शिवपुरी। न्यायालय  जेएमएफसी रिचा सिंह रजावत ने 500000 रुपए के चैक बांउस मामले में अभियुक्त सुल्तान आदिवासी पुत्र जबराराम आदिवासी शासकीय कर्मचारी सहकारिता विभाग पर आरोप सिद्ध पाए जाने के कारण एक वर्ष के साधारण कारावास की सजा एवं 785000/- रुपए प्रतिकर की राशि से दण्डित किया है। परिवादी की ओर से पैरवी भरत ओझा एडवोकेट विवेक कुशवाह राकेश मांझी एवं सतेन्द्र कुशवाह एडवोकेट द्वारा की गई है।
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी हितेन्द्र सिंह यादव पुत्र हरगोविन्द यादव निवासी अहीर मोहल्ला शिवपुरी से 5 लाख रुपए बतौर ऋण उधार प्राप्त किए थे। जिसकी विधिवत लिखापढी संपादित कराई थी। उक्त राशि अदा करने हेतु सूचना पत्र जारी किया था तब अभियुक्त ने पैसे न देते हुए परिवादी को अपने ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स शाखा शिवपुरी का चैक दिया था, जिसे परिवादी ने भुगतान हेतु अपने बैंक पंजाब नेशनल बैंक शाखा शिवपुरी में प्रस्तुत किया तो उक्त चैक बिना भुगतान के बैंक से बाउंस हो गया था। इसके पश्चात परिवादी ने अपने अधिवक्ता भरत ओझा के माध्यम से रजिस्टर्ड सूचना पत्र जारी किया था, जिसे अभियुक्त ने प्राप्त करने के पश्चात भी उक्त नोटिस का कोई जबाव नहीं दिया और न ही परिवादी से ली गई धन राशि अदा की। इसके बाद परिवादी ने माननीय न्यायालय के समक्ष आरोपी के विरूद्ध धारा 138 नेगोसियेबल इनस्टूमेंट एक्ट के तहत चैक अनादरण का दावा प्रस्तुत किया गया था और अपनी साक्ष्य कराई गई। दोनों अधिवक्ताओं के तर्क सुनने के पश्चात न्यायालय ने अभियुक्त द्वारा परिवादी को दिया गया चैक वैध रूप से वसूली योग्य ऋण या दायित्व के उन्मोचन के लिये दिया जाना पाया और अभियुक्त को धारा 138 नेगोसियेबल इंस्टूमेंट के तहत दोषी पाते हुये एक वर्ष का कारावास एवं प्रतिकर के रूप में 785000/- रुपए से दण्डित किया गया। प्रतिकर राशि अदा न करने पर अतिरिक्ता कारावास से दण्डित किया।

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