September 30, 2025

किसान भाइयों से नरवाई न जलाने की अपील, नरवाई जलाने से घटती है खेत की उर्वरा शक्ति

शिवपुरी। वर्तमान में गेहूं फसल की कटाई चल रही है। कटाई के बाद कुछ किसान गेहूं के अवशेष (नरवाई) को जला देते है। नरवाई जलाने से पर्यावरण को भारी क्षति पहुँचती है, साथ ही खेत की मिट्टी के लाभदायक सूक्ष्म जीवाणु मर जाते हैं। इतना ही नहीं, पिछले दिनों नरवाई की आग बुझाने गई पोहरी नगर परिषद की फायर ब्रिगेड भी जलकर खाक हो चुकी है।

उक्त जानकारी देते हुए कृषि विभागबके अधिकारी ने बताया कि नरवाई जलाने से भूमि गर्म हो जाने से उर्वरता घट जाती है। इसलिए किसानॉ से अपील की गई है कि गेहूं की कटाई के बाद नरवाई न जलाएँ। गेहूं फसल की नरवाई(अवशेष) खेत में जलाने के बजाय रोटावेटर के उपयोग से गेहूं के डंठल को खेत में ही नष्ट करें जिससे भूमि में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा बढ़ने से भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होगी।

फसल के अवशेष जलाने से फैलने वाले प्रदूषण पर अंकुश, अग्नि दुर्घटना रोकने एवं जान-माल की रक्षा के उद्देश्य से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा-निर्देशों के तहत आदेश जारी कर जिले में गेहूं की नरवाई इत्यादि जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। नरवाई जलाना दण्डनीय अपराध है। जिले में जो भी कृषक या अन्‍य व्‍यक्ति खेत में नरवाई(अवशेष) जलाते हुये पाये जाते है तो उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। जिसमें 2 एकड़ तक के कृषकों को 2500 रुपये, 2 से 5 एकड़ तक के कृषकों को 5000 रुपये तथा 5 एकड़ या अधिक के कृषकों को 15000 रुपये का अर्थदंड देना होगा।उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास यू एस तोमर ने बताया कि नरवाई जलाने से भूमि में अम्लीयता बढ़ती है, जिससे मृदा को अत्यधिक क्षति पहुँचती है । सूक्ष्म जीवाणुओं की सक्रियता घटने लगती है एवं भूमि की जलधारण क्षमता पर भी विपरीत प्रभाव पडता है। किसान भाई कम्बाईन हार्वेस्टर से कटाई के साथ ही भूसा बनाने की मशीन को प्रयुक्त कर यदि भूसा बनायेंगे तो पशुओं के लिए भूसा मिलेगा और फसल अवशेषों का बेहतर प्रबंधन हो सकेगा। साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी और पर्यावरण भी सुरक्षित होगा।
समाचार क्रमांक 64/2025 —00—

उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास यू एस तोमर ने बताया कि नरवाई जलाने से भूमि में अम्लीयता बढ़ती है, जिससे मृदा को अत्यधिक क्षति पहुँचती है । सूक्ष्म जीवाणुओं की सक्रियता घटने लगती है एवं भूमि की जलधारण क्षमता पर भी विपरीत प्रभाव पडता है। किसान भाई कम्बाईन हार्वेस्टर से कटाई के साथ ही भूसा बनाने की मशीन को प्रयुक्त कर यदि भूसा बनायेंगे तो पशुओं के लिए भूसा मिलेगा और फसल अवशेषों का बेहतर प्रबंधन हो सकेगा। साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी और पर्यावरण भी सुरक्षित होगा।

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