धधकते जंगल के बीच पहुंचे विधायक, फॉरेस्ट अधिकारियों को वीडियो कॉल पर दिखाई आग
शिवपुरी। जिले के जंगल में पिछले तीन दिन पहले भड़की आग पर वन विभाग काबू नहीं पा पाया। जिसके चलते आग ने लगभग 15 किमी एरिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया। जंगल में धधकती आग के बीच पोहरी के कांग्रेस विधायक पहुंचे, और फॉरेस्ट के अधिकारियों को वीडियो कॉल पर जंगल में भड़की आग दिखाई। डीएफओ का कहना है कि पिछली बार लगी आग की कोई चिंगारी रह गई थी, जो फिर भड़क गई, जिसे काबू कर लिया गया।
मंगलवार की सुबह पोहरी विधायक कैलाश कुशवाह ने अपने कुछ वीडियो भेजे, जिसमें शिवपुरी-ग्वालियत के बीच गाराघाट के जंगल में।आग की लपटें उठ रहीं थीं। इतना ही नहीं, जंगल के बड़े एरिया में फैली राख बता रही थी कि जंगल का बड़ा हिस्सा आगजनी में राख हो गया। वीडियो में विधायक के चारों तरफ जंगल में आग लगी नजर आ रही है, और परेशान विधायक फॉरेस्ट के अधिकारी को यह बता रहे थे कि मैंने डीएफओ से भी बात की, लेकिन उन्होंने इस आग को नजरअंदाज कर दिया। विधायक ने तो ग्राम पंचायत के टैंकर, फायर ब्रिगेड आदि से आग बुझाने की सलाह दी, लेकिन तब तक दूसरी तरफ से फोन कट चुका था।
जंगल में आग ने खड़े किए कई सवाल
यूं तो गर्मी के मौसम में सूखे जंगल में हल्की चिंगारी भी बड़ा खतरा बनी रहती है। इन हालातों के बीच सतनबाड़ा के आगे प्यारा के जंगल में 3 दिन पहले आग भड़की। उस आग को बुझाने के लिए शिवपुरी नपा की दमकल गाड़ी पहुंची, लेकिन जंगल में घुसने का रास्ता न मिलने से बिना आग बुझाए फायर ब्रिगेड वापस लौट गई। फॉरेस्ट टीमों ने अपने स्तर पर आग बुझाई, लेकिन यह आग पूरी तरह से नहीं बुझ सकी, जिसके चलते यह आग बढ़ते हुए 15 किमी दूर गाराघाट के जंगल तक पहुंच गई। जंगल में भड़की आग ने कई सवाल खड़े कर दिए, क्योंकि जंगल साफ करके ही फॉरेस्ट में खेती होती है।
छत्री में पहुंची थीं जिले भर की दमकल, जंगल 3 दिन से सुलग रहा
ज्ञात रहे कि शिवपुरी में आग लगने का सिलसिला 9 दिन पहले सिंधिया छत्री से शुरू हुआ था। उस आग को बुझाने के लिए नगरपालिका, प्रशासन सहित एसपी तक न केवल मौके पर पहुंचे थे, बल्कि जिले भर की फायर ब्रिगेड को बुला लिया गया था। वहीं इसके विपरीत फॉरेस्ट एरिया।में पिछले 3 दिन से आग सुलग रही है, लेकिन उसे बुझाने के लिए ना तो दमकल पहुंच रहीं, और ना ही टैंकर। ऐसे में आग बुझाने में प्रशासन के दोहरे व्यवहार ने फिर साबित कर दिया, कि वीआईपी के पेड़ों की आग को स्पेशल ट्रीटमेंट, जबकि जंगल में हरियाली को बचाने की कोई कवायद नहीं।
बोले डीएफओ: काबू पा लिया, घास ही जली
पतारा के जंगल में आग बुझा ली गई थी, लेकिन कोई चिंगारी शायद रह गई होगी। उस पर भी काबू पा लिया गया। गर्मी अधिक है, और जंगल की घास भी पूरी तरह सूखी है। आगजनी में पेड़ नहीं, घास जल रही है।
सुधांशु यादव, डीएफओ शिवपुरी