
क्रेता मंजू के पति सतीश बोले: विक्रेता ने नपा से कैसे बनवाई एनओसी, प्रशासन करे जांच
शिवपुरी। ग्वालियर नाका शिवपुरी के पास करोड़ों की भूमि को अपनी निजी बताकर बेच दिया गया। रजिस्ट्री कराकर जमीन खरीदने वाले मंजू अग्रवाल के पति सतीश अग्रवाल का कहना है कि नपा की एनओसी तो विक्रेता ने बनवाई थी, इससे हमें क्या लेना-देना। चूंकि इसमें महत्वपूर्ण दस्तावेज नपा की एनओसी है, और शिवपुरी नपा में कुछ भी हो सकता है, इसलिए इस खेल में नपा शिवपुरी के जिम्मेदार अधिक संदेह के घेरे में है।
ग्वालियर नाके के पास सोन चिरैया और कत्था मिल के बीच शासकीय भूमि सर्वे नंबर 4 एवं निजी भूमि सर्वे नंबर 5 का सौदा दलाल राजेश पुत्र जगदीश कुशवाह और रामनिवास रावत के माध्यम से हुआ था। जिसमें जमीन विक्रेता सीताराम गौड, विजय गौड, कन्हैया गौड, रवि विश्वकर्मा, धन्नो गौड, आनंदी गौड एवं महादेवी विश्वकर्मा ने उक्त जमीन की रजिस्ट्री सुशीला पत्नी बद्रीप्रसाद धाकड़ एवं मंजू पत्नी सतीश अग्रवाल के पक्ष में रजिस्ट्री करवाई थी।
करोड़ों कीमत वाली जमीन को खरीदने से पहले जब क्रेता ने दस्तावेज देखे तो उसमें विक्रेता ने नगरपालिका शिवपुरी की एनओसी भी लगाई थी। उन दस्तावेजों को सही मानकर क्रेता ने विक्रेता को जमीन की कीमत चुकाकर रजिस्ट्री अपने पक्ष में करवा ली थी। बताते हैं कि जमीन बेचने वाले लोगों ने रजिस्ट्री के बाद नामांतरण कराने में जब हीला – हवाली की तो फिर क्रेता ने पुलिस में भी एक शिकायती आवेदन दिया था।
इधर मामला जब एसडीएम शिवपुरी के पास पहुंचा, तो उन्होंने नपा के पाले में गेंद डाल दी। नगरपालिका ने जब जांच करवाई तो अपनी गर्दन फंसते देख, नपा की एनओसी को फर्जी करार दे दिया। जिसके चलते एसडीएम ने जमीन के दलालों सहित क्रेता-विक्रेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।
बोले क्रेता: एनओसी विक्रेता ने बनवाई, और नपा ने बनाई, हमारी क्या गलती
करोड़ों की जमीन खरीदने वाले मंजू अग्रवाल के पति सतीश अग्रवाल का कहना है कि हमने तो नपा की एनओसी सहित अन्य दस्तावेज देखकर जमीन खरीदी और राशि दी। अब विक्रेता वो एनओसी नपा से बनवा कर लाया या फिर उसने खुद बनाई, इसकी जांच तो प्रशासन और पुलिस करे, इसमें हमारी क्या गलती है।
सोशल मीडिया पर किए थे इशारे
मामले में सेटिंग के फेर में कुछ कलमकारों ने एक सप्ताह पहले सोशल मीडिया पर करोड़ों की जमीन के घोटाले की पोस्ट डाली थी, लेकिन उसमें एसडीएम पर आरोप था। लेकिन यह इशारा हर बार की तरह संभवतः सेटिंग के लिए ही किया गया था, क्योंकि उसके बाद कोई खबर नहीं आई। फिर आज यह मामला सामने आया है।
